CBSE CLASS 9 HINDI CHAPTER-15 खुशबू रचते हैं हाथ (KHUSHBOO RACHTE HAI HAATH) NOTES AND EXERCISE QUESTIONS & ANSWERS

Language : English

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CBSE CLASS 9 HINDI CHAPTER-15 खुशबू रचते हैं हाथ (KHUSHBOO RACHTE HAI HAATH)

NOTES AND EXERCISE QUESTIONS & ANSWERS



1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए |


क.    खुशबू रचनेवाले हाथ” कैसी परिस्थितियों में कहाँ – कहाँ रहते हैं?


उत्तर - “खुशबू रचनेवाले हाथ” अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले गरीब लोग होते हैं| ऐसे लोग तंग गलियों में बदबूदार नाले के किनारे और कूड़े के ढेरों के बीच रहते हैं |बड़े शहरों की किसी भी झोपड़-पट्टी में आपकों ऐेसा ही नज़ारा आसानी से देखने को मिलेगा



ख.    कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?


उत्तर - अगरबती बनाने वाले कारीगरों के हाथ तरह तरह के होते हैं – 


  • उभरी नसों वाले हाथ अर्थात् वृद्ध मजदूरों के हाथ | 


  • पीपल के नऐ पत्ते जैसे हाथ अर्थात कम उम्र के बच्चों के हाथ | 


  • घिसे नाखूनों वाले हाथ अर्थात् मजदूर वर्ग के हाथ| 


  • जूही के डाल जैसे हाथ अर्थात नवयुवतियों के सुंदर हाथ | 


  • कटे – पिटे और ज़खमी हाथ अर्थात् मालिक द्वारा शोषित एवं सताए हुए मजदूरों के हाथ |



ग.      कवि ने यह क्यों कहा है कि “खुशबू रचते हैं हाथ”?


उत्तर - “खुशबू रचते हैं हाथ” ऐसा कवि ने इसलिए कहा है कि जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं |



घ.     जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?


उत्तर - जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं वहाँ का वातावरण अत्यंत गंदा होता है| गंदे नाले से उठती बदबू चारों ओर कूड़े के ढेरों से उठती बदबू से दुर्गंध फैली होती है |



ङ.      इस कविता को लिखने का मुख्य उदेश्य क्या हैं?


उत्तर - इस कविता को लिखने का मुख्य उदेश्य है – समाज के मजदूर वर्ग और अन्य लोगों के बीच घोर विषमता का चित्रण तथा दुनिया भर में अपनी वर्ग में गंदगी के बीच जीवन बिताना तथा समाज द्वारा उनकी उपेक्षा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना |



2. व्याख्या कीजिए


क. पीपल के पत्ते – से – नए नए हाथ

   जूही की डाल से खुशबू दार हाथ


उत्तर - कवि अगरबत्तियाँ बनाने वाले मजदूरों के बारे में बताता है कि इस उद्योग मे पीपल के नए पत्ते जैसे सुकोमल हाथ वाले लड़कों तथा जूही की डाल जैसे नव युवतियों के सुंदर हाथों को भी काम करना पड़ रहा है | अर्थात बाल श्रमिक भी कार्यरत है  


ख. दुनिया की सारी गंदगी के बीच

     दुनिया की सारी खुशबू रचते हैं हाथ


उत्तर - कवि ने इन पंक्तियों मे खुशबू बनाने वाले मजदूरों के बारे में बताया है की ये मजदूरों को दुनिया की सारी गंदगी के बीच रहने को विवश हैं | एसे गंदे स्थानों पर रहकर वे सारी दुनिया में सुगंध बिखेरते हैं | ये मजदूर गंदी जगहों पर रहकर गंदे हाथों से काम करके दुनिया की खुशी और सुगंध बाँट रहे हैं |



3. कवि ने इस कविता में “बहुवचन” का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या  कारण है? 


उत्तर - इस कविता में कवि ने बहुबचन का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि ऐसे उद्दयोंग मे काम करना किसी एक जगह की नहीं बल्कि अनेक दशों की समस्या है और इनमें बहुत से मजदूर काम करने की विवश हैं |



4. कवि ने हाथों के लिए कौन – कौन से विशेषण का प्रयोग किया है ?


उत्तर - कवि ने हाथों के लिए कई विशेषण का प्रयोग किया है, जैसे –


·         उभरी नसों वाले


·         घिसे नाखूनों वाले


·         पीपल के पत्ते से नए – नए


·         जूही की डाल जैसे खुशबूदार


·         गंदे कटे – पिटे


·         ज़ख्म से फटे हुए 

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