Odia Medium Class 10 Hindi Chapter 1 Part 3 Tulsi Das ( दोहे – तुलसीदास ) Question & Answer

Language : Hindi

LRNR provides this material totally free

Odia Medium Class 10 Hindi Chapter 1 Part 3 Tulsi Das (दोहे – तुलसीदास) Question & Answer

दोहे – तुलसीदास


1.  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-दीन वाक्यों में दीजिए :

क.   कठोर वचन का क्यों परिहार करना चाहिए ?

उ : कठोर वचन सबको दुःख पहुंचाता है | परिवेश को अशान्त कर देता है | कठोर वचन, से दूसरों को

पीड़ा पहुंचती है इसलिए कठोर वचन को परिहार करके मीठे वचन बोलना चाहिए |

ख.   मीठे वचन से क्या लाभ होता है ?

उ : मीठे वचन सबको प्रिय होते हैं | मीठी वाणी से हम सबको अपने वश में कर सकते हैं | मीठी वाणी से चारों और शांति बनी रहती है | सबको सुख मिलता है |

ग.    सन्तोष धन के सामने कौन कौन धन धूरि के बराबर माने जाते हैं ?

उ : सन्तोष धन के सामने गोधन, गजधन, बाजीधन, रतनधन आदि धन धरि के बराबर माने जाते हैं |

क्योंकि इस प्रकार के धन से सुख शांति नहीं मिलती | मन चिंतित रहता है |

घ.    रोष या बस गुस्से के समय क्या नहीं खोलना चाहिए और क्यों ?

उ : रोष या गुस्से के समय जीभ व नहीं खोलनी चाहिए क्योंकि क्रोध में मनुष्य कड़वी बातें बोल जाता है | कड़वी बातें तलवार से भी अधिक घाव कर देती है |

ङ.     मीठे वचन की तुलना वशीकरण मन्त्र से क्यों की गई है ?

उ : कुछ मीठे वचन की तुलना वशीकरण मन्त्र से की गई है क्योंकि मीठे वचन से हम सबकों अपने वश में कर सकते हैं | मीठे वचन सबकों प्रिय होते हैं | इसमें सबको शांति और सुख मिलता है |

च.    हमें सोच विचार कर क्यों बोलना चाहिए ?

उ : हमें सोच विचार कर हमेशा बोलना चाहिए | क्योंकि क्रोध में मनुष्य कड़वी बातें बोल जाता है | ये कड़वी बातें तलवार से भी अधिक घाव करती है | इसका प्रहार सीधे हृदय और मन पर होता है | मधुर वचन का परिणाम मधुर होता है |

2.  निम्नलिखित अवतरणों का आशय दो – तीन वाक्यों में स्पष्ट कीजिए :

क.   तुलसी मीठे वचन ते सुख उपजत चहुँओर |

उ : इस पंक्ति में तुलसीदास यह बतलाते हैं की मीठ वचन से सबको सुख मिलता है | चारों ओर शांति बनी रहती है | मीठे वचन सबको प्रिय होते हैं |

ख.   जब आवे सन्तोषधन, संबधन धूरि सम्मान |

उ : इस पंक्ति में कवि ने यह कहा है कि सन्तोष धन के सामने सब धन धूल समान है | क्योंकि इस प्रकार से धन से सुख शांति नहीं मिलती, मन चिंतित रहता है |

ग.    शेष नं रसना खोलिए, बरु खोलिओ,तलवारी |

उ : गुस्से में जीभ नहीं खोलनी चाहिए | क्योंकि गुस्से में, मनुष्य आपे से बाहर हो जाता है और कड़वी बाहें बोल जाता है | थे कड़वी बारे दिल और मन को घायल करके अधिक कष्ट देती है |

3.  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में दीजिए :

क.   किससे चारों और सुख उपजता है ?

उ : मीठे बचन से चारों और सुख उपजता है |

ख.   वशीकरण का मंत्र क्या है ?

उ : मीठे वचन वशीकरण का मंत्र है |

ग.    हमें क्या परिहार करना या छोड़ना चाहिए ?

उ : हमें कटु वचन परिहार करना या छोड़ना चाहिए |

घ.    कवि ने संतोष की तुलना किससे की है ?

उ : कवि ने संतोष की तुलना धन से की है |

ङ.     कब रसना नहीं खोलनी चाहिए ?

उ : अधिक गुस्से में रसना नहीं खोलनी चाहिए |

च.    किस धन के सामने सारे धन तुच्छ माने जाते हैं ?

उ : संतोष धन के सामने सारे धन तुच्छ माने जाते हैं |

छ.   संतोष धन के सामने सब धन किसके समान होते हैं ?

उ : संतोष धन के सामने सब धन धूल के समान होते हैं |

ज.   विचार करके वचन कहने से क्या होता है ?

उ : विचार करके वचन कहने से उसका परिणाम मधुर होता है |


भाषा – ज्ञान

1.  निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए :

मीठा – कड़वा / खट्टा

सुख – दुःख

कठोर – कोमल

छोड़ना – पकड़ना

समान – असमान

खोलना – बंद करना


2.  निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिए :

वचन – बात

सुख – आनंद

कठोर – निर्दयी

गो – गाय

गज – हाथी

बाजी – घोडा


3.  निम्नलिखित शब्दों के प्रयोग से सार्थक वाक्य बनाइए :

वसीकरण – मीठे वचन तो वसीकरण का मंत्र है |

कठोर – राहुल अत्यंत कठोर स्वभाब का है |

गोधन – सीता ने गोधन की कसम खाया |

संतोष – संतोष रूपी धन के सामने बाकी सारा धन तुच्छ है |

तलवार – तलवार शरीर पर घाव करती है |


4.  निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए :

चहुँआरे – चारों ओर

वसीकरण – वशीकरण

धुरी – धूल

तरवारि – तलवार

परिनाम – परिणाम


5.  निम्नलिखित शब्दों के साथ करण कारक ‘में’ चिह्न का प्रयोग करके वाक्य बनाइए :

वचन – मीठे वचन से सबको सुख मिलता है |

मंत्र – वशीकरण मंत्र से सभी को वश में किया जा सकता है |

तलवार – तलवार से मत खेलो |

धन – धन से सुख नहीं मिलता |

Ratings
No reviews yet, be the first one to review the product.