Odia Medium Class 6 Hindi Chapter 16 Main Bada Horaha Hun ( में बड़ा हो रहा हूँ ) Notes

Language : Hindi

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Odia Medium Class 6 Hindi Chapter 16 Main Bada Horaha Hun ( में बड़ा हो रहा हूँ ) Notes

में बड़ा हो रहा हूँ



आकाश में काले – काले बादल घिर आए थे | बूँदें गिरने लागि थी, माली माँ से कहा – माँ जी, अच्छी बारिश हो रही है, इस बार पौधे जल्दी बड़े हो जाएँगे | कुछ नए पौधे भी लगाऊँगा |


वरुण ने माली काका की बात सुनी | वह भी जल्दी से बड़ा होना चाहता था बड़े भैया के तरह | अपने पिता जी की तरह बाहर तेज बर्षा होने लागि थी | वरुण चुपके से बाहर निकल गया | बारिश में भीगने लगा | वह मन ही मन सोच रहा था – अब मैं जल्दी ही बड़ा हो जाऊँगा – बड़े भैया जैसा | पिता जी जैसा l


अचानक माँ ने खिड़की से झाँका | अरे ! यह वरुण क्या कर रहा है ? कितना भीग गया है |“वरुण ! वरुण ! जल्दी भीतर आओ | बाहर क्यों भीग रहे हो ? भीतर आओ |”


“नहीं माँ , मैं भी बड़ा होना चाहता हूँ | देखो मैं बड़ा हो रहा हूँ | इन पेड़ – पौधे की तरह मैं भी बड़ा हो रहा हूँ “ वरुण उत्तर दिया l


मुस्कारते हुए माँ बाहर आई | वरुण का हाथ पकड़कर अंदर ले गई | कपड़े बदले | बालों को तौलिए से सुखाते हुए बोली – अरे , बर्षा से पेड़ – पौधे बढ़ते हैं | तुम्हें बड़ा होना है तो अच्छी तरह खाओ पीओ | दाल , रोटी , फल , सब्जी, दूध – दही, अंडे सब कुछ | फल का रस भी पीओ | खूब खेलों, क्योंकि खेलना भी बहुत जरूरी है |


सरदी आ गई | माँ ऊनी कपड़ों को धूप में डाल रही थी | वरुण ने अपना स्वैटर बहुत मुशकिल से पहना गया | वरुण को वह बहुत छोटा बोला – माँ , यह मेरा स्वैटरहै न ! कितना छोटा हो गया है !

माँ हसकर बोली – स्वैटर छोटा नहीं हुआ – तुम बड़े हो गये हो |



शब्दार्थ :


आकाश – ଆକାଶ


काले बादल – କଳା ବାଦଲ / କଳା ମେଘ


बुंदे – ବିନ୍ଦୁ/ ବର୍ଷାର ଟୋପା ଟୋପା ବିନ୍ଦୁ


गिरना – ପଡିବା


माली – ମାଳୀ


अच्छी – ଭଲ


बारिश – ବର୍ଷା


पौधा – ଗଛ


जल्दी – ଶୀଘ୍ର


भैया – ଭାଈ


खिड़की – ଝରକା


अन्दर – ଭିତର


दाल – ଡାଲି


रोटी – ରୁଟି


फल – ଫଳ


सब्जी – ତରକାରୀ


दूध – କ୍ଷୀର


दही – ଦହି


अंडा – ଅଣ୍ଡା


रस – ରସ


धूप – ଖରା


ऊनी कपड़ा – ଶୀତ ପୋଷାକ / ଉଲ୍ ବସ୍ତ୍ର


मुशकिल – କଠିନ /କଷ୍ଟ


सरदी – ଥଣ୍ଡା/ ଶୀତ 

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